इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन को सभी मंजूरियां एकमुश्त दी जाएंगी: गडकरी
नितिन गडकरी ने ई वाहनों को प्रोत्साहन के लिए नियामकीय बाधाएं हटाने का वादा किया
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
सरकार इलेक्ट्रिक या वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाली सार्वजनिक परिवहन की बसों के लिए निवेशकों को सभी आवश्यक मंजूरियां एक स्थान पर या एकमुश्त देने को तैयार है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यह पेशकश की. मंत्री ने ई वाहनों को प्रोत्साहन के लिए नियामकीय बाधाएं हटाने का वादा करते हुए प्रस्ताव किया कि प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनियां टाटा मोटर्स और अशोक लेलैंड लंदन के परिवहन मॉडल की तर्ज पर ऑपरेटर कंपनी बना सकती हैं.
गडकरी ने वैश्विक मोबिलिटी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मैं आपको सभी मंजूरियां एकमुश्त दूंगा. मंजूरी एक प्रमुख बाधा है जिससे परियोजनाओं में देरी होती है और लागत बढ़ती है. सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के लिए इलेक्ट्रिक या वैकल्पिक ईंधन के साथ आगे आएं.
शून्य उत्सर्जन वाहन इसलिए जरूरी
भारत लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण, ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसमें इलेक्ट्रिक वाहन बड़ी भूमिका निभाते हैं. आधिकारिक आंकड़े बतातें है कि भारत अपने महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के जरिए 2030 तक रोड और परिवहन से ही करीब 64 फीसदी ऊर्जा बचा सकता है और साथ ही करीब 37 फीसदी कार्बन का उत्सर्जन भी कम कर सकता है. इसके साथ ही करीब 60 बिलियन डॉलर भी 2030 में बचाए जा सकते हैं.
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कंपनियां कर रहीं तैयारियां
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी भी इलेक्ट्रिक कार पेश करने पर काम कर रही है. होंडा कार्स का मानना है कि वह 2030 तक उसकी कार ब्रिकी में 65 फीसदी हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक कारों की होगी इसलिए वह लीथियम-आयन बैट्री निर्माण की एक फैक्ट्री भारत में लगाने की कोशिश कर रही है. मर्सिडीज बेंज भी 2020 तक अपनी विश्व स्तर की इलेक्ट्रिक कार भारत में ले आएगी. फॉक्सवैगन, वॉल्वो और ऑडी ने भी अपनी इलेक्ट्रिक कारें लाने की घोषणा की है और टेस्ला भी भारत आने वाली है. भारत में वर्ष 2017 में कुल 72,482 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है.
03:54 PM IST